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खनिज की धरती:

@alex221

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Prompt
(1) पहाड़ के गोद में, बसल  हमर झारखंडहरियाली से सजल, लागे स्वर्ग समान।नदी-नाला, झरना-झर-झर, गावत अपन गान,माटी के खुशबू में, बसल  हमर पहिचान। ✽ (कोरस)झारखंड के सुंदर, हे नगिना के धाम,खनिज से भरल ए माटी, किसान के अभिमान। (2) सोना-जइसन धान लहलह, खेत में मोरमेहनत करे किसान, संग सुरीली बंसुर।खलिहान में चइला, गीत गावे रे,गोरसवा से भींजे, धरती के कोरा रे। ✽ (कोरस)झारखंड के सुंदर, हे नगिना के धाम,खनिज से भरल ए माटी, किसान के अभिमान। (3) कोयला, लोहा, हीरा, सोना, माटी के खजानाधरती के गहना, बने झारखंड सुहाना।संथाल, मुंडा, उरांव, सब भाई एक संग,संस्कृति के धारा, बहेल अइसे अंग। ✽ (कोरस)झारखंड के सुंदर, हे नगिना के धाम,खनिज से भरल ए माटी, किसान के अभिमान।

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