Prompt
यहां एक मौलिक हनुमान भजन प्रस्तुत है:
भजन: जय जय अंजनीसुत वीर
अन्तरा 1:
जय जय अंजनीसुत वीर,
राम के प्रिय, संकट हरो गंभीर।
तेरी गाथा अमर, तेरी लीला महान,
हर भक्त के तुम हो प्राणों के प्राण।
चरण 1:
सूरज को निगला, चपलता दिखाई,
लंका जलाई, राक्षसों को धूल चटाई।
राम नाम का तुमने गान किया,
सीता की सुधि का प्रमाण दिया।
अन्तरा 2:
जय हनुमान, ज्ञान के सागर,
भक्ति के तुम हो अनुपम आदर।
जिसने भी तेरा नाम पुकारा,
उसका जीवन सफल तुम्हीं ने संवारा।
चरण 2:
बजरंगी बलवान, दीनदयाल,
सिंह की सी दहाड़, तेरा तेज अपार।
तू भक्तों का साथी, संकट का नाश,
तेरे चरणों में ही है सारा विश्वास।
अन्तरा 3:
तेरी पूजा से सब काम सिध्द हों,
मन के अंधियारे, ज्योतित हों।
तेरे दर पे जो भी शीश नवाए,
उसका हर दुःख तुम पल में मिटाए।
समापन:
जय जय अंजनीसुत वीर,
राम के प्रिय, संकट हरो गंभीर।
तेरी गाथा अमर, तेरी लीला महान,
हर भक्त के तुम हो प्राणों के प्राण।
यह भजन आपकी भक्ति और श्रद्धा को और भी गहरा कर देगा। बताएं, आपको यह कैसा लगा?
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