Prompt
हवाओं में बहेंगे घटाओं में रहेंगे तू बरखा मेरी मैं तेरा बादल पिया जो तेरे ना हुवे तो किसी के ना रहेंगे दीवानी तू मेरी मैं तेरा पागल पिया हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी मिली है इक राँझा और हीर जैसी ना जाने ये ज़माना क्यों चाहे रे मिटाना कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया पिया, पिया, पिया रे.. पिया रे, पिया रे.. पिया रे, पिया रे, पिया रे, पिया रे.. दुनिया की नजरों में ये रोग है हो जिनको वो जाने ये जोग है इक तरफा शायद हो दिल का भरम दो तरफा है तो ये संजोग है लायी रे हमें जिंदगानी की कहानी कैसे मोड़ पे हुवे रे खुद से पराये हम किसी से नैना जोड़ के हज़ारों में किसी को तक़दीर ऐसी मिली है इक राँझा और हीर जैसी ना जाने ये ज़माना क्यों चाहे रे मिटाना कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया कलंक नहीं इश्क़ है काजल पिया मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा मैं गहरा तामस तू सुनहरा सवेरा मैं तेरा ओ, मैं तेरा मुसाफिर मैं भटक तू मेरा बसेरा मैं तेरा ओ.. मैं तेरा तू जुगनू चमकता मैं जंगल घनेरा मैं तेरा आ.. ओ पिया मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा हो.. मैं तेरा हो.. मैं तेरा, मैं तेरा, मैं तेरा ओ..
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