Prompt
**ग़म की राहें**
वो सुबह की धूप भी अब सर्दी लगती है,
तेरे बिना ये दुनिया अब वीरान लगती है।
हर ख्वाब में तेरे ही साये का चाँद छुपा है,
तेरे बिना ये रातें भी अब काली लगती हैं।
चले गए तुम, छोड़ गए बस यादें अधूरी,
हर लम्हा तुझसे बिछड़ने की जुदाई सी हुमरी।
तेरी हँसी की आवाज़ अब दिल में गूँजती है,
पर ये आँखें अब सिर्फ़ सिसकियाँ ही सुनती हैं।
भूल जाऊँ कैसे वो प्यार भरी बातें,
जिन्हें हम दोनों ने मिलकर सजाई थी रातें।
तेरे बिना ये दिल अब खाली सा लगता है,
हर ख्वाब तेरे बिना बस एक मृगतृष्णा सा लगता है।
खो गए तुम कहीं, जैसे रेत में छुपी पानी की बूँद,
अब तो बस तेरा इंतज़ार है, जैसे मरूभूमि में एक सूनी राह।
तेरे बिना ये दिल है जैसे पत्थर का,
बस यही ग़म की राहें हैं, जो रह गईं है आज भी ठहरी।
तू कहीं भी हो, तू कहीं भी जाए,
तेरे बिना ये दिल अब सिर्फ़ तन्हाई से भर जाए।
तेरे बिना ये जिंदगी है जैसे एक अधूरी कहानी,
ग़म की राहों में खो गई, मेरी प्यार की निशानी।, Lo-fi, Classical,