Prompt
ओ भोलेनाथ
क्या भूल गया मुझको?
मैं हार के बैठा,
हँसी आए तुझको।
ओ भोलेनाथ, सुन ले बात,
तेरे बिना अधूरे दिन और रात,
तू है सहारा, तू ही किनारा,
फिर क्यों ये दिल, तन्हा सा हारा?
ओ भोलेनाथ
क्या भूल गया मुझको?
मैं हार के बैठा,
हँसी आए तुझको।
तूने ही तो सिखाया,
भोला मैं बन जाऊं।
हर दर्द को पीकर,
तेरा नाम मैं गाऊं। -2
ओ भोलेनाथ, सुन ले बात,
तेरे बिना अधूरे दिन और रात,
तू है सहारा, तू ही किनारा,
फिर क्यों ये दिल, तन्हा सा हारा?
ओ भोलेनाथ
क्या भूल गया मुझको?
मैं हार के बैठा,
हँसी आए तुझको।
अब तेरे चरणों में,
मैंने सब कुछ छोड़ा।
बस तेरी कृपा का,
हो इशारा थोड़ा।-2
ओ भोलेनाथ, सुन ले बात,
तेरे बिना अधूरे दिन और रात,
तू है सहारा, तू ही किनारा,
फिर क्यों ये दिल, तन्हा सा हारा?
ओ भोलेनाथ
क्या भूल गया मुझको?
मैं हार के बैठा,
हँसी आए तुझको।